आदिवासी कला: भारतीय जनजातीय जीवन, भाषा, नृत्य और लोकसंस्कृति का अध्ययन

Authors
  • Dipti Jaiswal

    Author
Keywords:
आदिवासी कला, लोक संस्कृति, जनजातीय नृत्य, लोककथा एवं लोकगीत, पारंपरिक शिल्प
Abstract

आदिवासी कला भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन और जीवंत अंग है, जिसकी जड़ें प्रागैतिहासिक काल की गुफा चित्रों तक जाती हैं। प्रारंभिक मानव ने अपनी भावनाओं, अनुभवों और संघर्षों को गुफा की दीवारों पर उकेरकर अभिव्यक्ति दी, जो आगे चलकर आदिवासी कला के रूप में विकसित हुई। भारत के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी समाज ने अपनी पारंपरिक जीवनशैली, भाषाओं, गीतों, नृत्यों, लोककथाओं और शिल्प के माध्यम से अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बनाए रखी है।
उत्तर पूर्व भारत से लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तक फैली जनजातियाँ आज भी अपने त्योहारों, नृत्यों, चित्रों, हस्तशिल्पों और गीतों के माध्यम से प्रकृति, जीवन और आस्था का उत्सव मनाती हैं। आधुनिकता और वैश्वीकरण के प्रभाव के बावजूद, आदिवासी समाज अपनी पारंपरिक कलाओं को संरक्षित और विकसित कर रहा है। यह अध्ययन भारतीय आदिवासी कला के उद्गम, रूप, सामाजिक महत्त्व और सांस्कृतिक निरंतरता को समझने का प्रयास है।

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Published
2025-09-30
Section
Articles
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Copyright (c) 2025 ART ORBIT

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How to Cite

आदिवासी कला: भारतीय जनजातीय जीवन, भाषा, नृत्य और लोकसंस्कृति का अध्ययन. (2025). ART ORBIT, 1(03), 51-54. https://artorbit.in/index.php/ao/article/view/12

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