समकालीन महिला कलाकारों का योगदानः कलाकारों की आवाज़ और कला-माध्यम : अनीता दूबे व नलनि मलानी के संदर्भ में

लेखक
  • प्रीति कपारिया

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संकेत शब्द:
नारीवाद, कलासृजन, सौन्दर्य, संघर्ष, संवेदना, कला संवाद
सार

समकालीन महिला कलाकारों का योगदान एवं कलाकारों की आवाज़ का न केवल कलात्मक महत्व है बल्कि वह सांस्कृतिक विमर्श व सामाजिकता को भी बढ़ावा देता है नलिनी मलानी और अनीता दूबे दोनों कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से स्त्री विमर्श स्मिता, समाज की जटिलताओं का ही अंकन किया है मलानि ने इंस्टॉलेशन परफॉरमेंस म्यूरल, मीडिया कला के माध्यम से स्त्री आवाज़ को विश्वस्तर पर पहचान दिलााई है वहीं दूबे ने वास्तुकला लेखन इंस्टॉलेशन में समाज में स्त्री पर हो रही हिंसा, पितृसतात्मकता, हिंसा पर आवाज़ उठाई। गत चार दशकों से भी अधिक समय से मालिनी ने भारतीय पुरूषसत्ता में अपनी अलग पहचान बनाई है। सामान्यतः यह कह सकते हैं कि नलनि मलानी ने और दूबे की कला ने भारतीय व आधुनिकता में स्त्री विमर्श को विश्व मंच पर सशक्त पहचान दिलाई।

Author Biography
  1. प्रीति कपारिया

    रिसर्च स्कॉलर, ड्राइंग और पेंटिंग डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा
    डॉ. नीलम कांतब
    एसोसिएट प्रोफेसर और पेंटिंग डिपार्टमेंट के हेड, ड्राइंग और पेंटिंग डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा

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प्रकाशित
2025-09-30
खंड
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How to Cite

समकालीन महिला कलाकारों का योगदानः कलाकारों की आवाज़ और कला-माध्यम : अनीता दूबे व नलनि मलानी के संदर्भ में. (2025). ART ORBIT, 1(03), 79-82. https://artorbit.in/index.php/ao/article/view/17